बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई, कुछ अपना ज़माना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई.
नन्द के घर आनंद भयो , हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की! शुभ जन्मआष्ट्मी!
बहन ने भाई की कलाई पर प्यार बाँधा हैं, तुम ख़ुश रहो हमेशा यही सौगात माँगा हैं. रक्षा बंधन की ढेर सारी शुभकामनाएँ
“मेरा धर्म देश की सेवा करना है।”~ भगत सिंह
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।